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आध्यात्मिक योग

INNER ENGINEERING(आंतरिक तलाश)

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मैं एक आध्यात्मिक योग प्रशिक्षक हूं। मैं आप लोगों से यह अनुरोध करता हूं कि कृपया योग को सिर्फ कागज के टुकड़ों में ना समेटे यह वह ज्ञान है जो सिर्फ और सिर्फ खुद के अंदर झांकने अथवा भीतरी खोज करने पर ही मिलता है। अत एवं सिर्फ हाथ पैर खींचने को ही योगाभ्यास ना समझे ।वास्तव में संपूर्ण योग आपके भीतर ही है जो आप बाहर खोज रहे हैं और यहां तक पहुंचने के लिए आपको स्वयं को जानना होगा।मैं कौन हूं का प्रश्न हर वक़्त अपने अंदर लाते हुए अपने अहंकार और क्रोध को त्यागकर खुद के बारे में जानना होगा तभी आप सब कुछ पा भी सकते हैं और हर क्षेत्र में सफल होते हुए दीर्घायु जीवन जीने के लिए सक्षम हो पायेंगे। अन्यथा सिर्फ भटकना, प्रश्न का उठना और कुछ भी समझने में असमर्थ रहेंगे जो प्रकृति चाहती है। यदि आपको सब कुछ करना सब कुछ जानना है तो अपने श्वास प्रणाली को लयबद्ध तरीके से धीरे धीरे समझने का प्रयास करिए और इसे शून्य करिए। अर्थात आने और जाने की स्थिति को अपने ब्रह्मरंध में स्थापित करिए।      इस वेब साइट पर सिर्फ संक्षेप में ही जानकारी दी गई है, संपूर्ण जानकारी के लिए आप मुझसे प्रातः काल सूर्योदय होने से पहले

TAI CHI

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  Tai Chi((1)Lifting The Sky What is Tai Chi? Tai chi is a practice that involves a series of slow gentle movements and body postures, a meditative state of mind, and controlled breathing. Tai Chi originated as an ancient martial art in China, whose father was Bodhidharma (Bodhidharma is considered the father of martial arts, who was taken from India to China and practiced meditation and yoga in the Shaolin Temple there. A different type of exercise, known as twisted force, was popularized over the years, which was one of the basic elements of Shaolin Kung Fu). It has become more focused on health promotion and rehabilitation.

Understand your inner powers, balance them and use them for the welfare of the world. Then see how everything in life turns in your favor.

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There are some services in Infinite Yoga which provide some chi energy along with yoga practice. To understand these chi energies, you should see the catalog once and avail those services. View Catalog√ .

Everyone knows about religion and salvation but knows nothing about it

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If you want to know everything about yourself, understand the mysteries of the universe and travel to another universe, then click on the link given below                 YouTube Universe                                                                         

ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ स+अ+ऊ+ह+म+ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ=सोहम

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ओ३ Soham म् Om--Hindi & English  Description ओ३म् (ॐ) या ओंकार का नामान्तर प्रणव है। यह ईश्वर का वाचक है। ईश्वर के साथ ओंकार का वाच्य-वाचक-भाव सम्बन्ध नित्य है, सांकेतिक नहीं। संकेत नित्य या स्वाभाविक संबंध को प्रकट करता है। सृष्टि के आदि में सर्वप्रथम ओंकाररूपी प्रणव का ही स्फुरण होता है। तदनंतर सात करोड़ मंत्रों का आविर्भाव होता है। इन मंत्रों के वाच्य आत्मा के देवता रूप में प्रसिद्ध हैं। ये देवता माया के ऊपर विद्यमान रह कर मायिक सृष्टि का नियंत्रण करते हैं। इन में से आधे शुद्ध मायाजगत् में कार्य करते हैं और शेष आधे अशुद्ध या मलिन मायिक जगत् में। इस एक शब्द को ब्रह्मांड का सार माना जाता है, 16 श्लोकों में इसकी महिमा वर्णित है। ब्रह्मप्राप्ति के लिए निर्दिष्ट विभिन्न साधनों में प्रणवोपासना मुख्य है। मुण्डकोपनिषद् में लिखा है: प्रणवो धनु:शरोह्यात्मा ब्रह्मतल्लक्ष्यमुच्यते। अप्रमत्तेन वेद्धव्यं शरवत्तन्मयो भवेत् ॥ कठोपनिषद में यह भी लिखा है कि आत्मा को अधर अरणि और ओंकार को उत्तर अरणि बनाकर मंथन रूप अभ्यास करने से दिव्य ज्ञानरूप ज्योति का आविर्भाव होता है। उसके आलोक से निगूढ

LAW OF NATURE

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* Three bitter laws of nature, which is true !!! *  * 1.  First law of nature: If seeds are not planted in the field, then nature fills it with "weeds" !! In the same way that "positive" thoughts are not filled in the mind, then * * "negative" thoughts take their place.  Makes it happen !! *  *2.  Second law of nature: He who shares what he shares !! * •  * Happy "shares" happiness !! * •  * Sorrowful "sorrow" divides !! *  * • The knower divides "knowledge" !! * • * The confused "delusion" divides !! * • * Fearful fear "divides !! * Feel The nature  * 3.  Third law of nature: *  * Learn to digest whatever you get in life, because: - * • * Food, not digested, diseases increase !! * • * Money, not digested, pretend increases !! * • * Matter, nor digest  But, chugli increases !! * • * Praise, not digested, egoism increases !! * • * Blasphemy, not digested, enmity increases !! * • * Raj, not dige

Breathing Science

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Download Pdf Cure your Disease