This blog has been created just for the purpose of spiritual knowledge. If you want to cover more interesting information and mysterious things,then subscribe my youtube channel.
मैं कौन हूं और क्यूं हूं।
लिंक पाएं
Facebook
X
Pinterest
ईमेल
दूसरे ऐप
-
सब व्यर्थ है जब तक अपने विषय में संपूर्ण जानकारी ना हो। अपने विषय में जानने के लिए स्वयं को स्थिर करना होगा,हर क्षेत्र में, हर व्यवहार में और हर शब्द में तब आप योग को जान पाएंगे और उसके रास्ते स्वयं को भी समझ जाएंगे।
योग सिर्फ शारीरिक अभ्यास नहीं है और नहीं योग शरीर को खीचने अथवा मरोड़ने का नाम है योग तो सिर्फ भीतरी खोज का नाम है जो सम्पूर्ण ब्रह्मांड का लेखा जोखा समेटे है।
If you want to know everything about yourself, understand the mysteries of the universe and travel to another universe, then click on the link given below YouTube Universe
ओ३ Soham म् Om--Hindi & English Description ओ३म् (ॐ) या ओंकार का नामान्तर प्रणव है। यह ईश्वर का वाचक है। ईश्वर के साथ ओंकार का वाच्य-वाचक-भाव सम्बन्ध नित्य है, सांकेतिक नहीं। संकेत नित्य या स्वाभाविक संबंध को प्रकट करता है। सृष्टि के आदि में सर्वप्रथम ओंकाररूपी प्रणव का ही स्फुरण होता है। तदनंतर सात करोड़ मंत्रों का आविर्भाव होता है। इन मंत्रों के वाच्य आत्मा के देवता रूप में प्रसिद्ध हैं। ये देवता माया के ऊपर विद्यमान रह कर मायिक सृष्टि का नियंत्रण करते हैं। इन में से आधे शुद्ध मायाजगत् में कार्य करते हैं और शेष आधे अशुद्ध या मलिन मायिक जगत् में। इस एक शब्द को ब्रह्मांड का सार माना जाता है, 16 श्लोकों में इसकी महिमा वर्णित है। ब्रह्मप्राप्ति के लिए निर्दिष्ट विभिन्न साधनों में प्रणवोपासना मुख्य है। मुण्डकोपनिषद् में लिखा है: प्रणवो धनु:शरोह्यात्मा ब्रह्मतल्लक्ष्यमुच्यते। अप्रमत्तेन वेद्धव्यं शरवत्तन्मयो भवेत् ॥ कठोपनिषद में यह भी लिखा है कि आत्मा को अधर अरणि और ओंकार को उत्तर अरणि बनाकर मंथन रूप अभ्यास करने से दिव्य ज्ञानरूप ज्योति का आविर्भाव होता है। उसके आलोक से न...
There are some services in Infinite Yoga which provide some chi energy along with yoga practice. To understand these chi energies, you should see the catalog once and avail those services. View Catalog√ .
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें