मैं कौन हूं और क्यूं हूं।

सब व्यर्थ है जब तक अपने विषय में संपूर्ण जानकारी ना हो। अपने विषय में जानने के लिए स्वयं को स्थिर करना होगा,हर क्षेत्र में, हर व्यवहार में और हर शब्द में तब आप योग को जान पाएंगे और उसके रास्ते स्वयं को भी समझ जाएंगे।
   योग सिर्फ शारीरिक अभ्यास नहीं है और नहीं योग शरीर को खीचने अथवा मरोड़ने का नाम है योग तो सिर्फ भीतरी खोज का नाम है जो सम्पूर्ण ब्रह्मांड का लेखा जोखा समेटे है।


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